सह संपादक - आसिफ अंसारी
देश-दुनिया के ज़ायरीन दरगाह पर अक़ीदत का नज़राना लेकर हुआ पेश
दरगाह पर लगा चांदी का मेन गेट- हिन्दुस्तान टाइम्स टुडे
आला हजरत इमाम अहमद राजा खान के दरगाह पर पहुंच रहे जरीन अपने आप को नहीं रोक पा रहे हैं क्योंकि यह पहला मौका है जब दरगाह का मेन गेट चांदी का दरवाजा लगाया गया,आला हजरत के उर्स-ए-रजवी के मौके पर शिरकत करने आए जायरीन वहां पर सेल्फी और फोटो कराने के मोह से खुद को दूर नहीं कर सके। बड़ी संख्या में लोगों ने वहां पर फोटो क्लिक करते दिखाई दे रहे है.....
आला हजरत के ज्ञान का समंदर भी कहा जाता है आप को इस बात से भी आंक जा सकते हैं कि सिर्फ साढ़े सात घंटे में कुराने करीम के 30 पारे याद कर लिए थे, उनका फरमाना था कि कोई भी शख्स कोई भी किताब एक बार मुझ को पढ़ कर सुना दे और दोबारा पूरी किताब मुझ से हूबहू सुन ले। आला हजरत ने दुनिया की कई बड़ी समस्याओं पर पर अपने विचार व्यक्त किये और उनको हल करते हुए दुनिया के सामने पेश किया।
मरकजी दारूल इफ्ता के वरिष्ठ मुफ्ती मुहम्मद अब्दुर्रहीम नश्तर फारुकी ने कहा कि दुनिया की तकरीबन सौ यूनिवर्सिटी में आला हजरत की जिंदगी और खिदमात (कारनामों) पर तहकीक (शोध) हो रही है। जैसे-जैसे तहकीक आगे बढ़ रही है, आपकी जिंदगी और इल्मी कारनामों के नई-नई बातें सामने आ रही हैं। दुनिया के बड़े-बड़े दानिशवर (बुद्धिजीवी) ये देख कर हैरान हैं कि इमाम अहमद रजा की जाते गिरामी इतने विषयों में कैसे माहिर थे। ऐसी शख्सियत सैकड़ों साल बाद कोई एक पैदा होती है। उन्होंने बड़े से बड़े विज्ञानियों के नजरियात (विचारों) को बदल दिया, मगर अब तक किसी भी विज्ञानी ने उनके दलाइल (दलीलों) को चैलेंज नहीं दिया है।
हिन्दुस्तान का एक ऐसा कोना जहां से मोहब्बत का हर वक्त पैगाम दिया जाता है यही वजह है की बरेली का डंका पूरी दुनिया में बजता है यूपी के ज़िला बरेली में आला हज़रत की दरगाह है. यहां का इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान उर्स का प्रमुख मंच है. जहां, दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा ख़ान-सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी-अहसन मियां की अगुवाई में उर्से रज़वी की रौनक आम है. उर्स की पहली रात को देश के कोने-कोने से जुटे उलमा-ए-कराम ने नातिया कलाम पेश करते है . आला हज़रत की ज़िदगी पर रौशनी डाली जाती है . हज़ारों ज़ायरीन इस पैग़ाम के गवाह बनते है....
उर्स के तमाम कार्यक्रम ऑनलाइन हो रहे हैं। 34 देशों में उर्स एक साथ मनाया जाएगा। उर्स के प्रोग्राम की ऑडियो लाइव आला हजरत वेबसाइट पर टेलीकास्ट हो रहा है। दरगाह आला हजरत से जुड़े समरान खान ने जानकारी देते हुए बताया की तीन दिवसीय उर्स-ए-रजवी का आगाज 10 तारीख को परचम कुशाई के साथ हुआ था। मंगलवार को कुल की रस्म अदायगी के बाद उर्स का समापन होगा। दुनिया भर के मुरीदीन व अकीदतमंद घर बैठे उर्स के सभी प्रोग्राम सुन सकते हैं। उर्स-ए-रजवी में मुल्क ही नही बल्कि सारी दुनिया की मशहूर दरगाहों के सज्जादागान, उलेमा, शोहरा व लाखों अकीदतमंद शिरकत करने पहुंच चुके हैं और अपने पीर को बोसा दे रहे हैं,
और उसकी तैयारियां मुकम्मल हो चुकी है चप्पे छपे पर पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है उर्स की निगरानी के लिए पुलिस अफसर ने दूसरे जिलों से फोर्स मंगाया है साथी ही चार एडिशनल एसपी, 10 सीओ, 100 इंस्पेक्टर थाना प्रभारी, 450 दरोगा, 500 हेड कांस्टेबल, 1800 सिपाही, 200 ट्रैफिक पुलिसकर्मी ड्यूटी पर लगाए गए हैं। कार्यक्रम स्थलों पर सभी प्रकार के वाहन प्रतिबंधित रहेंगे इसके साथी बरेली के अफसर लगातार कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग करते नजर आएंगे
एसएसपी सुशील कुमार धूल ने जानकारी देते
बरेली एसएसपी सुशील कुमार धूल ने जानकारी देते हुए कहा है कि चप्पे पर फोर्स को तैनात कर दिया गया हर आने जाने वाले पर निगरानी रखी जा रही है जो कैमरे खराब थे उन्हें तत्काल ठीक कर दिया गया है कंट्रोल रूम से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
हिन्दुस्तान टाइम्स टुडे की तरफ से बरेलवी उर्स ए रजवी की हार्दिक शुभकामनाएं।संपादक - अंकित सक्सेना एडवोकेट।








