*पिछले डेढ़ साल से मृतक आश्रित कोटे की नौकरी की आस लगाए बैठी हैं महिला*

यूपी०स्टेट ब्यूरो चीफ -आमोद जॉन

बरेली। मकान कर्ज चुकाने में चली जाती पेंशन नहीं करा पा रही बच्चों के स्कूल की फीस जमा आइए हम आपको बताते हैं। बहेड़ी नगर की रहने वाली महिला लक्ष्मी सक्सेना के पति अरुण कुमार राजस्व विभाग में डाक रनर के पद पर थे जिनकी मृत्यु जून 2022 में हो गईं उसके बाद महिला ने मृतक आश्रित कोटे की नौकरी की अर्जी लगाई लेकिन कलेक्ट्रेट आते- आते उनकी ना जाने कितनी पैरों की चप्पल घिस गई लेकिन आज तक उन्हें नौकरी नहीं मिली, मिला तो सिर्फ आश्वासन और तारीख। यह कोई फिल्मी पंक्तियां नहीं है बल्कि मृतक आश्रित का दर्द है जो आज उनकी आंखों में साफ झलक रहा था। आज भी उन्होंने अधिकारी से फोन पर बात की लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा। आज महिला ने जिलाधिकारी बरेली को प्रार्थना पत्र लिखकर अपनी नौकरी की गुहार लगाई है। महिला की तीन बेटियां हैं एक बेटी की शादी कर दी और 2 बेटियां अभी पढ़ाई कर रही है जिनकी विद्यायल की फीस तकरीबन 6 महीने से जमा नहीं कर पाई है। उक्त महिला आर्थिक रूप से तंगी से जूझ रहीं है। ख़बर लिखें जाने तक अधिकारी से बात नहीं हो पाई।

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