बरेली ज़िला संवाददाता - अनिकेत सिंह
बरेली निवर्तमान डीएम शिवाकांत द्विवेदी अपने ट्रांसफर की सूची जारी होने के बाद जाने से पहले दो मातहत अधिकारियों की विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि समाप्त कर उनके सर्विस रिकॉर्ड में लगा दाग साफ कर गए।
इनमें एक एसडीएम आंवला गोविंद मौर्य और दूसरी उपनिदेशक महिला कल्याण नीता अहिरवार हैं जिन्हें आईजीआरएस की शिकायतों के डिफाल्टर होने पर मुख्यमंत्री के नाराजगी जताने के बाद विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई थी। 29 सितंबर को तबादला आदेश जारी होने के अगले ही दिन तत्कालीन डीएम ने दोनों अफसरों से प्रत्यावेदन लेकर उनकी प्रतिकूल प्रविष्टियां खत्म कर दीं।
साल की शुरुआत में कई महीने तक आईजीआरएस की रैंकिंग में सातवें नंबर पर रहने वाला बरेली जिला सितंबर में 73वीं रैंक आने के बाद एक झटके में प्रदेश के आखिरी 10 जिलों में चला गया था। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के नाराजगी जताने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने दो शिकायतें डिफाल्टर होने के कारण एसडीएम आंवला गोविंद मौर्य को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी थी। इससे पहले मई में कई शिकायतों के डिफाल्टर होने पर तत्कालीन जिला प्रोबेशन अधिकारी और मौजूदा उप निदेशक महिला कल्याण नीता अहिरवार को भी विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई थी।
नीता अहिरवार के मामले में तत्कालीन डीएम ने नौ जून को जारी अपने आदेश में लिखा था कि जनसुनवाई समाधान पोर्टल पर छह महीने में प्राप्त 7677 संदर्भों के सापेक्ष महीने के अंत में डिफाल्टर हुए 1229 संदर्भ के कारण बरेली जिले को 20 में से 12 ही अंक प्राप्त हुए और इस कारण उसे 64वीं रैंक मिली। जिला प्रोबेशन अधिकारी के अपने दायित्वों का निर्वहन न करने के कारण मई में सर्वाधिक 64 डिफाल्टर संदर्भ रहे। इसी आधार पर उन्हें विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई थी। बता दें कि सर्विस रिकार्ड में विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि होने पर प्रमोशन में अड़चन आती है।
ट्रांसफर के अगले ही दिन स्पष्टीकरण, पोर्टल पर मढ़ा दोष, दोनों की फरियाद हुई मंजूर, उपनिदेशक नीता अहिरवार का स्पष्टीकरण
नीता अहिरवार की ओर से 30 सितंबर को ही तत्कालीन डीएम को स्पष्टीकरण दिया गया जिसमें कहा गया था कि विभागीय योजना के ऑनलाइन पोर्टल के अपडेशन के कारण मई में शिकायतों का समय पर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण नहीं किया जा सका। अब समय में सुधार किया गया है। उन्होंने भविष्य में अपने दायित्वों का मनोयोग से निर्वहन करने का आश्वासन देते हुए विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि को खत्म करने का अनुरोध किया। इस पर डीएम ने उसे एक्सपंज करने का आदेश जारी कर उसकी एक कॉपी महिला कल्याण निदेशक को भी भिजवा दी।
एसडीएम गोविंद मौर्य का स्पष्टीकरण
जनसुनवाई पोर्टल पर 20 सितंबर को संपूर्ण समाधान दिवस के दो संदर्भ डिफाल्टर प्रदर्शित हुए थे। ये दोनों आईजीआरएस प्रकरण पोर्टल पर मिसिंग होने के कारण जिला और तहसील स्तर के पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हो रहे थे। इसी कारण उनका समय पर निस्तारण नहीं हो सका। उन्होंने क्षमा याचना करते हुए बताया कि तहसील में आईजीआरएस/संपूर्ण समाधान दिवस का काम देखने वाले प्रभारी/लिपिक से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। आईजीआरएस का महत्वपूर्ण काम तत्कालीन ऑपरेटर को हटाकर दूसरे ऑपरेटर से कराया जा रहा है।